एक गरीब घर में जन्मे धीरूभाई अंबानी ने, खरी कर दी करोड़ों की कंपनी



पढ़ाई का पैसा कमाने से आपस में कोई लेना देना नहीं है 
इसलिए उस लड़के ने दसवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी और भजिया बेच कर पैसा कमाना शुरू कर दिया फिर अपने दोस्त की मदद से यमन चला गया और वहाँ पर एक पेट्रोल पांप पे काम करना शुरु किया देखते ही देखते अपनी मेहनत की बदौलत वो वहाँ पे मैनेजर बन गया लेकिन उसके दिमाग में तो अलग सनक चल रही थी फिर वहा से अच्छी खासी नौकरी छोड़ के 50 हज़ार रुपया लेकर इंडिया आया यहां पर मसाला और पॉलिस्टर की कंपनी शुरू की और देखते ही देखते दस लाख़ की तन ओवर के साथ इंडिया की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी बना डाली और आज भी वह कंपनी इंडिया में सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी में शुमार है यह कंपनी नाम था रिलाइंस और बंदे का नाम था धीरूभाई अंबानी और उनका कहना था कि बड़ा सोचो दूर की सोचो और जल्दी सोचो क्योंकि विचारों पर का एकाधिकार नहीं होता

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