शादी के सोलह साल के इंतजार के बाद भी निर्मला की कोख सूनी रह गई । ससुर झगरू राय व सास की मृत्यु शादी के पहले ही हो चुकी थी ।
बस इस परिवार में पति-पत्नी ही शेष रह गए ।हिन्दू धर्म के अनुसार, अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की गई । इस बीच नम आंखों से पत्नी ने जैसे ही पति की चिता को मुखाग्नि दी यह मंजर देख लोगों की आंखें भर आईं। हिंदू धर्म के अनुसार , पिता की मौत पर बड़े बेटे को मुखाग्नि देने का अधिकार होता है । लेकिन, निर्मला नि:संतान थी और घर में दूसरा कोई सदस्य भी नहीं है ।
विपरीत परिस्थिति में निर्मला ने समाज की पुरानी रुढ़ियों को तोड़ते हुए अंतिम संस्कार की रस्म पूरी करने का हौसला जुटाया । आस-पड़ोस के लोगों के साथ पति की अर्थी के साथ श्मशान घाट पहुंची । गगनदेव राय की शादी 16 वर्ष पूर्व नेपाल के सर्लाही जिला के गनेशिया गांव में हुई । उन्हें कोई संतान नहीं हुई ।
लोगों के कहने के बावजूद दूसरी शादी नहीं की । अपनी पत्नी के सहारे ही जिंदगी गुजारने का फैसला लिया । ताउम्र जीवन में कोई दूसरी महिला नहीं आएगी यही बात गगनदेव लोगों को बताते । इस हादसे के बाद घर में मातम का माहौल है।
Credit, jagran.com
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