Project Pegasus, प्रोजेक्ट पेगासस
साम दाम दंड भेद इस प्रकार के तरीके पर काम कर रहा है चीन पहले करोना वायरस फिर गलवान घाटी अब चीन अपनी विस्तार बादी नीतियों को बढ़ावा देते हुए एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है द प्रोजेक्ट पेगासस
आखिर क्या है प्रोजेक्ट पेगासस
चीन के प्रोजेक्ट पेगासस जानने से पहले यह जान लीजिए आखिर पेगासस है क्या, पेगासस स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है इसे इजराइली सुरक्षा कंपनी NSO ने बनाया था एक तरह से ऐसा स्पाइवेयर प्रोग्राम है जिससे यूजर का मोबाइल या कंप्यूटर में चुपके से इंस्टॉल हो जाती है और कुछ डिवाइस की सारी जानकारियां चुरा के उसे नष्ट कर देता है जब यह स्पाइवेयर डेवलप किया गया था तब इसे मोबाइल या कंप्यूटर में लिंक भेज कर इसे इंस्टॉल किया जाता था यूजर जैसे इस लिंक पर क्लिक करता था वैसे ही यूजर का मोबाइल या कंप्यूटर हैक हो जाता था अब यह स्पाइवेयर का एडवांस वर्जन आ गया है
जिसमें कोई भी लिंक भेजने की जरूरत नहीं होती बस एक मिस कॉल या वीडियो कॉल के द्वारा ही दुनिया के किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल में इसे इंस्टॉल किया जा सकता है इंस्टॉल होते ही उस मोबाइल या कंप्यूटर की सारी जानकारियां चुरा लेती है सारी जानकारियां चुराने के बाद मोबाइल या कंप्यूटर में पूरी तरीके से नष्ट कर देता है यह स्पाइवेयर की सबसे खास बात यह है कि किसी भी पासवर्ड को इजीली करे कारेक सकता है साथिया बहुत ही छोटा स्पाइवेयर प्रोग्राम है और आसानी से ही किसी भी मोबाइल या कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाता है चीन अब याद स्पाइवेयर प्रोग्राम से मिलिट्री प्रोजेक्ट चला रहा है इसका नाम है (the project Pegasus) इस प्रोजेक्ट से उस का मुख्य उद्देश्य है कि वह अपने दुश्मन देशों की साइबर हमले करवा सके और जाहिर है कि चीन के दुश्मन देशों की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर है चीन और अपनी प्रोजेक्ट की मदद से भारत और अन्य देशों पर साइबर हमले करने की तैयारी में बैठा है
सबसे ज्यादा स्पाइवेयर प्रोग्राम चीन ही बनते हैं
आपको बता दें कि सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा स्पाइवेयर प्रोग्राम चीन में बनते हैं और जहां पर सबसे ज्यादा है हैकर्स भी पनपते हैं इस नए प्रोजेक्ट से चीन का उद्देश्य यह है कि वह अपनी दुश्मन देशों की मिलिट्री डिफेंस सर्विस का पूरी तरह से नष्ट कर दे आप तो जानते हैं कि चीन और भारत कुछ महीनों से काफी खराब चल रहे हैं इस बीच आपने गौर किया होगा दुनिया में साइबर हमलों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है आए दिन न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया पर साइबर हमलों के खबरें सुनाई देती है आइए जानते हैं कि चीन अपनी इस प्रोजेक्ट से दुनिया में तबाही मचा सकता है अगर चीन इस प्रोजेक्ट में कामयाब हो जाता है फिर चीन दुनिया की किसी भी मोबाइल या कंप्यूटर में स्पाइवेयर को इंस्टॉल करवा सकता है इतना ही नहीं वह मिलिट्री डिफेंस कंप्यूटर को हैक कर सकता है साथ ही डिफेंस फोर्सेस के सैटेलाइट को भी अपने कंट्रोल में ले सकता है
इस होगा यह कि हर देश अपने कुछ सीक्रेट मिशन चलाते हैं वहीं अगर चीन अपने प्रोजेक्ट में कामयाब हो जाता है तो वह सारी मिशन की जानकारियां चुरा सकता है साथी वहां के सिस्टम पर अपनी कंट्रोलर बैठा सकता है इस काम में अपने देश की हैकर का ही मदद नहीं ले रहा इस काम में अपनी मिलिट्री फोर्स को भी शामिल करता जा रहा है अपने एयरक्राफ्ट में पूरी हैकिंग सिस्टम बैठा रहा है इस से दुश्मन देशों की किसी भी कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर सके देखा जाए तो यह चीन का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है
यहां बहुत बड़ा साइबर हमले का संकेत दे रहा है आप तो जानते हैं कि चीन लंबे समय से अपने विस्तार वादी नीतियों पर काम कर रहा है, कई दशकों से इस देश का एक ही मकसद है पूरी दुनिया पर अपना कब्जा बैठा सके दुनिया के सभी देश अपनी देश की टेक्नोलॉजी और मिलिट्री फोर्सेज को एडवांस करने में लगे हैं लेकिन चीन एक ऐसा देश है ऐसे ऐसे हथियार पैदा कर रहा है जिससे पूरी दुनिया उसकी गुलाम हो जाए
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है वैसे वैसे लोग इंटरनेट से जुड़ते जा रहे हैं देश की लगभग 80% लोग इंटरनेट से जुड़ चुके हैं देखा जाए तो यह विकास है वहीं दूसरी तरफ चीन जैसे देशों को बहुत बड़ा हमला करने का मौका है दोस्तों चीन का प्रोजेक्ट भले ही कामयाब हो जाए लेकिन फिर भी हम अपनी सुरक्षा उपकरणों को और भी एडवांस लेवल पर पहुंचा कर और सतर्क रहकर
चीन की पूरी प्रोजेक्ट को विफल कर सकते हैं देखा जाए तो आने वाले समय कई साइबर हमले संकेत दे रहा है इससे भलाई इसी में है अपनी कोई भी सीक्रेट जानकारी सोशल मीडिया और इंटरनेट पर किसी के साथ शेयर ना करें ना दूसरे को करने दे
दोस्तों सतर्क रहें सचेत रहें और जितना हो सके उतना इस पोस्ट को शेयर करें मिलते हैं अगले पोस्ट में हमारे साथ जुड़े रहने के लिए आपको दिल से धन्यवाद 🙏 (जय हिंद)
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