नेपाल का बरसों पुराना सपना हुआ पूरा,जयनगर से जनकपुर रेल लाइन

भारत और नेपाल के बीच चलेगी ट्रेन


नेपाल की सरकार भारत के साथ कैसा बर्ताव कर रही है यह बताने की जरूरत नहीं है जितने नए-नए विवाद भारत के साथ नेपाल ने शुरू की है वह जगजाहिर है फिर भी भारत नेपाल के साथ बेटी रोटी का रिश्ता नहीं भूल और वह नेपाल का मदद करता रहा 
इसी करी में भारत ने नेपाल को दो आधुनिक रेल गाड़ी सौंपी है जो दिसंबर से बिहार के जयनगर और धनुषा जिले से कुर्था के बीच चलेगी यह हिमालय राष्ट्र का पहली बड़ी लाइन रेल सेवा होगी 

इंडियन रेलवे ने शुक्रवार को जयनगर कूर्था बड़ी लाइन के लिए नेपाल रेलवे को दो आधुनिक डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेल गाड़ियों को सौंपा है 

इन ट्रेनों का निर्माण दिबा कारखाना चेन्नई द्वारा आधुनिक तकनीक से निर्माण किया गया है

रेलगाड़ियों को नेपाल पहुंचने पर अलग-अलग जगह पर भारतीय टेक्नीशयन और नेपाल रेल कर्मचारियों का स्वागत किया गया यह ट्रेन कुर्था से जयनगर के बीच चलेगी जिससे दोनों देशों के नागरिकों को लाभ होगा जो 35 किलोमीटर की दूरी को काबर करेगा

सपने से कम नहीं

यह नेपाल के लिए किसी सपने से कम नहीं था भारत के सहयोग से आम नेपाली जनता का अपनी भूमि पर रेल चलाने का सपना साकार हुआ है चीन नेपाल में रेल आने का बात कह कर थगता रहा है भारत ने नेपाल में पटरी बिछाकर और रेल चला कर नेपाली जनता का वर्षों पुराने सपने साकार कर दिया है 

सेल्फी लेने के लिए उमड़ भीड़

भारत सरकार के सहयोग से जब नेपाल में अपनी पहली रेल आई तब जनकपुर स्टेशन पर लोगों का उत्साह देखते ही बनता था हजारों की संख्या में लोग स्टेशन पर आसपास के इलाकों में घंटो खड़े रहे रेल आने पर उसका भव्य स्वागत किया रेल स्टेशन पर आते ही लोगों ने ताली और सिटी बजाकर स्वागत किया और सेल्फी लेने वाले की भी कमी नहीं थी

नेपाल ने 80 करोड़ की लागत से डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन खर्डी दी है यह ट्रेन मार्च से बनकर तैयार थी ट्रेन समस्तीपुर और हाजीपुर स्टेशन पर रुकी रही अब जब नेपाल में लॉकडाउन खुल गया है और दोनों देशों के बीच रिश्ते भी बेहतर हो रहे हैं तो अब यह रेल बिहार के जयनगर के रास्ते जनकपुर तक लाई गई है कुछ दिनों तक इसका ट्रायल होने के बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाकर औपचारिक रूप से शुरू करेंगे

पहले भी चलती थी  जयनगर और जनकपुर के बीच ट्रेन जिसे अंग्रेजी ने बनवाया था

जयनगर और जनकपुर के बीच पहले भी छोटी लाइन ट्रेन चलती थी जिसे अंग्रेजों ने बनवाया था लेकिन 6 साल पहले ही उसका संचालन बंद कर दिया गया नेपाल और भारत के बीच 2010 से ही बड़ी लाइन बनने की शुरुआत हुई थी 2010 से 2014 तक भारत के तरफ से महज 3 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण हुआ था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल दौरे के बीच इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया इसके बाद निर्माण में तेजी आई 
(अब बनकर तैयार है)

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