किया बामपंथ देश और समाज के लिए खतरा है,

बामपंथ देश और समाज के लिए दीमक है।वर्तमान का विरोध इसका सिद्धांत है।राजनीतिक सौदेबाजी के बल पर इसने बौद्धिक संस्थानो पर कब्जा कर लिया है।मिडिया हाउस,युनिवर्सिटी,फिल्म उद्योग के अलावे अन्य कई मंचो तक इसका पैठ है।प्रशासन स्तर पर भी इसकी पकड़ मजबूत है।इस बजह से इसका सूचना तंत्र व्यापक है,आर्थिक सहायता निर्बाध है,इसे उच्च स्तर पर संरक्षण मिलता है।
             "गोली-बंदूक के जमाने मे लाठी-डंडो या चाकू का क्या कम" कहकर इसने हिन्दू समाज को निहत्था करा दिया।"मन चंगा तो कठौती मे गंगा कहकर इसने हिन्दूओं को अपने पूजा स्थल से दूर कर दिया। अधूरा श्लोक "अहिसा परमो धर्म:" को प्रचारित कर हिन्दूओं को सहिष्णु बना दिया।"गंगा-जमुना तहजीब" का नारा देकर गलत के प्रति भी सम्मान का भाव पैदा किया।"नीम हकीम खतरा ए जान" का स्लोगन देकर हमे परंपरागत प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति अलग कर दिया।
                          बामपंथ का दोगलापन यही नही रुका हिन्दु देवी-देवताओ के मजाक बनाने वाले फिल्मो को बढ़ावा दिया।ब्राह्मण को धर्म का दलाल ,राजपुतो को क्रुर,वैश्य को ठग दिखाकर लोगो के मन मे घृणा पैदा किया।शुद्रो को प्रताड़ित दिखाकर इसका सारा दोष हिन्दू वर्णव्यवस्था पर थोप दिया।
            बामपंथीयो ने सबसे अधिक अन्याय भारतीय इतिहास के साथ किया है।आक्रमणकारियो को जिसने भारतीयो का मानमर्दन किया,हत्या-बलात्कार का रिकाॅर्ड कायम किया,धर्मांतरण को मजबूर किया ऐसे अत्याचारियो को महान बताकर हमारे बच्चो के बीच परोस दिया।मुगल,टिपू सुल्तान आदि इसके नायक हो गया,वही महाराणा प्रताप,पृथ्वीराज चौहान जैसे नायक गौण हो गया।
                   इसप्रकार बामपंथियो ने भारतीयता,इसकी संस्कृति,इसका पुरुषार्थ,इसकी उत्तम विचार,चिकित्सा पद्धति,समाजिकता सभी को तहस-नहस कर दिया।इसलिए इस नरपिशाच से बचे।इसकी मानसिकता को समझे और आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित भारत छोड़े।

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