₹80 उधार लेकर 7 महिलाओं ने बना दी 1600 करोड़ की कंपनी

यह बात है 15 मार्च 1959 की जब छत पे 7 घरेलू महिला इकट्ठा हुई, मकसद था जो घरेलू महिला ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, उन्हें सक्षम बनाना और कमाई का जरिया देना, शुरू में इन 7 महिलाओं ने ₹80 उधार लेकर पापड़ बनाना शुरू किया, जब 1 किलो पापड़ बनाने में 50 पैसे का प्रॉफिट हुआ, 


1959 में 50 पैसा कि प्रॉफिट बहुत बड़ी बात हुआ करती थी,
फिर क्या था इन महिलाओं के विजन से और भी महिला इनके साथ जुड़ती चली गई और आज इन कंपनी में 45000 से ज्यादा महिला काम करती है, और कंपनी 15 से ज्यादा देशों मैं प्रोडक्ट सेल करती है 
जो कंपनी ₹80 उधार लेकर शुरू हुई थी वह कंपनी आज 16 सौ करोड़ की कोऑपरेटिव कंपनी बन चुकी है 
जिनकी फाउंडर है जसवंती बेन,
यह स्टोरी है लिज्जत पापड़ की जिन्होंने हजारों महिलाओं को इज्जत दी है

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