सीतामढ़ी, इलाको में बाहुबलियों,सफेदपोशों के संरक्षण में वर्षो चल रहा है नेपाली-इंडियन करेंसी एक्सचेंज का बड़ा सिंडिकेट , इसपर अपराधियो की रही है नजर,घट चुकी है गैंगवार,लूट,हत्या की कई घटना ।
* अपराधियो की रहती है ऐसे धंधेबाजों पर नजर,अक्सर घटती है लूट की घटना,पर अधिकतर मामलों में एफआईआर तक दर्ज नही करवाते ऐसे पीड़ित,कारण अवैध धंधे में इतनी बड़ी राशि कहा से आती है,इस जांच के घेरे में खुद फंस जाएंगे ऐसे गोरख धंधा चलाने वाले लोग।
* भारत-नेपाल सीमा पर अवैध काउंटरों के जरिये अवैध रूप से नेपाली-इंडियन राषी को मोटी कमीशन पर एक्सचेंज किये जाने की खुफिया विभाग भी सरकार को कर चुकी है रिपोर्ट : सूत्र
भारत-नेपाल सीमा पर करेंसी एक्सचेंज करने का काउंटर नही होने से नेपाली रुपया को भारतीय रुपये में बदलने के लिए लोगो को करेंसी चेंज करने के अवैध काउंटरों का सहारा लेना पर रहा है।जहां लोगो की मजबूरी का फायदा उठा कर भारत नेपाल सीमा के सोनबरसा व आस पास के इलाकों में करेंसी चेंज करने का काउंटर लगा कर कमीशन के रूप में काफी मोटी राषी की उगाही की जा रही है। अब राषी बदलने का कारोबार सीमाई इलाके में मुख्य धंधा बन चुका है।
ऐसा नही की इसकी जानकारी पुलिस,एसएसबी के लोगो को नही है,परन्तु इस खेल को सभी एक तमासा के रूप में देख रहे हैं,सम्भवतः इस काउंटर पर आना सभी की मजबूरी है।
* मोटी कमीशन पर नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने की यह है मजबूरी : भारत-नेपाल के बीच आपसी व ब्यापरिक सम्बन्ध काफी गहरा है।दोनों देशो के लोग एक दूसरे के बाजारों पर खासा निर्भर हैं। नेपाल के सीमावर्ती बाजारों में जहां विदेशी सामान,गर्म कपड़े व सस्ते इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों सहित कई विदेशी व चायनीज सामान खरीदने भारत के लोग जाते है तो रोजमर्रा के सामान,कपड़ा,किराना तथा अन्य दर्जनों सामानों की खरीदारी के लिए नेपाल के सीमावर्ती लोगो का एक मात्र सहारा भारत के सीमा से लगे बाजार ही है ।
ऐसे में एक दूसरे देश के दुकान दारों, ग्राहकों तथा आम से आम नागरिकों के पास भी दोनों देश की करेंसी होना आम बात है।
भारतीय करेंसी नेपाल के काफी अंदर तक चलन में कठिनाई तो नही है परन्तु नेपाली रुपये का प्रचलन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित है। ऐसे में ब्यावसायी,राहगीर,ग्राहक सभी को नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने की आवश्यकता हर हाल में हो रही है
* अवैध करेंसी एक्सचेंज काउंटर को दबंगो,सफेदपोश लोगो का संरक्षण भी प्राप्त होता है। करेंसी बदलने की मजबूरी का फायदा उठाकर भारत-नेपाल सीमा पर अपनी दबंगता,सफेदपोश के संरक्षण की बदौलत एकक्षत्र राज कर रहे नेपाली-इंडियन करेंसी चेंज करने वाले गिरोहों द्वारा मनमानी कमीशन पर नेपाली रुपये को भारतीय करेंसी में बदला जाता है। कई बार ऐसे।लोगो के साथ लूट पाट भी होती रही है। परन्तु तब उनके काउंटरों को किसी दुकान का लेवल चिपका कर अवैध एक्सचेंज काउंटर होने का निशान तक मिटा दिए जाते हैं।
भले ही हम इस बात को फिलहाल प्रमाणित नही कर सकते पर ध्रुव सत्य यह है कि ऐसे दुकानों या लोगो के साथ जब जब लूट पाट होती है,तब तब लूटी गई बड़ी राषी की जगह महज औपचारिकता के लिये थाना में छोटी राषी इंगित कर एफआईआर दर्ज कराई जाती रही है।या अधिकतर मामले में एफआईआर तो दूर की बात,लूट के बाद ऐसे धंधेबाज मूंह तक नही खोलते।
सीमा पर ऐसे धंधेबाज नाम मात्र के लिए अपने गुनाहों को छिपाने के लिए विभन्न सामानों के गिनती के कुछ सामान रख कर दुकानों का रूप दे कर,उसकी आर में अवैध करेंसी एक्सचेंज का धंधा करते है।कहा जाता है कि सीमा पर एक माह तक शराब तस्करी और करेंसी एक्सचेंज के धंधा चला लेने वाला मामूली आदमी भी लाखपति तो जरूर हो जाता है।
फिलहाल ऐसे मामले पर पुलिस-प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।
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