सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन को बड़ी सौगात, व‌र्ल्ड क्लास का दर्जा देने के एलान से से धन्य हुई जानकी जन्मभूमि

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन को रेलवे ने व‌र्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित करने का एलान कर बड़ी खुशखबरी दी है। बिहार से दरभंगा व बरौनी के साथ सीतामढ़ी को व‌र्ल्ड क्लास सुविधा देने की बात कही गई है। इससे पहले गया, राजेंद्र नगर टर्मिनल, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय एवं सिगरौली स्टेशनों को व‌र्ल्ड क्लास बनाने की घोषण हुई थी। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत पूर्व में चयनित पांच स्टेशनों के अलावा पांच अन्य स्टेशनों के पुनर्विकास करने का फैसला रेलवे ने किया है जिसमें दरभंगा, बरौनी के साथ भारत-नेपाल का बॉर्डर जिला सीतामढ़ी भी शामिल है।

इस घोषणा से हर कोई खुश नजर आ रहा है। सीतामढ़ी स्टेशन का पुनर्विकास कर उसे अत्याधुनिक विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) द्वारा किया जाना है। जगत जननी माता सीता की प्राकट्यस्थली सीतामढ़ी में रेलवे स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास दर्जा तो मिलना ही चाहिए। बगल में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर भी है। स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिटू ने इस स्टेशन पर यात्री सेवा व सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार पहल करते रहे हैं। मेहनत रंग लाई भी। 

12 वर्ष में नहीं बन पाया एक अदद फुट ओवरब्रिज

अब बड़ा सवाल यह भी है कि मेहसौल रेलवे गुमटी पर एक अदद फुट ओवरब्रिज के लिए शहरवासियों को पूरे 12 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। वर्ष 2009 में मेहसौल में धनुषाकार रेलवे फुट ओवरब्रिज की स्वीकृति मिली थी। तब इसके निर्माण पर 19 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट था मगर, देरी के कारण अब इसका बजट बढ़कर 86 करोड़ यानी चौगुना से भी आठ करोड़ रुपये अधिक हो गया है। और निर्माण भी अधर में लटका रह गया। ऐसे में व‌र्ल्ड क्लास स्टेशन का दर्जा मिलना तो खुशी की बात है लेकिन, इसको जमीन पर उतरने में कितनी देर लगेगी इसपर लोगों की राय अलग है। व‌र्ल्ड क्लास स्टेशन का दर्जा मिलने पर ये सुविधाएं

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को संरक्षा, बेहतर एवं सुखद यात्रा अनुभव तथा विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है। स्टेशन को विश्वस्तरीय एवं अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिग का रूप दिया जाएगा। रेलवे की जमीन पर मॉल और मल्टीपर्पस बिल्डिग बनेगी। स्टेशन का विकास सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता उपकरण और 'हरित इमारत' मानकों के अनुसार हो सकेगा। प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट की सुविधा होगी। रेल यात्रियों के स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिए प्रवेश और निकास द्वार खास होंगे। जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े। स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो। यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल हों। इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित हों। पुनिर्वकास के क्रम में दिव्यांगजनों के लिए भी सभी सुविधाएं जैसे रैम्प, ब्रेल लिपि इत्यादि प्रदान की जाएंगी ताकि दिव्यांगजन बिना किसी असुविधा के स्वयं भी रेल यात्रा करने में सक्षम हो

News source & credit Jagran.com

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