बीते हुए कल और आज

रामाज्ञा पंडित आप सब का छोटा भाई आप सबको एक अपनी लाइफ से जुड़ी एक कहानी आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूं भाई मैं जब 8 साल का था तब मुझे पता नहीं था मैं क्या करूं तब गांव में लोगों लोगों को कोई काम नहीं था वह आमतौर पर माल जाल जिसे गाय भैंस भी देसी भाषा में माल जाल कहते हैं मैं जाती प्रजापति कुम्हार से आता हूं जिसमें बर्तन बनाना काम है पर मेरे पूर्वजों हमेशा से भैंस और गाय पूछे हैं तो मैं भी सोचता था पर लिखकर क्या वही करना है पढ़ाई ठीक से नहीं करता था चलो बाद में तो फिर वही काम करना है समझ नहीं था उतना तब पर मैं जब 16 साल का हुआ तो मैट्रिक पास किया सेकंड डिवीजन से और इंटर करने के लिए मै अपने घर से 30 किलोमीटर दूर रहने लगा और वहीं पर पड़ा उसके बाद मैंने इंटर की तैयारी की इंटरमीडिएट में फेल कर गया फिर दूसरी बार घर से पर ही रहकर तैयारी की और पास किया फिर मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि तुम्हारा अच्छा खासा शरीर है


तुम आर्मी तैयारी करो तो इसी टाइम मेरे परिवार में में कुछ प्रॉब्लम आ गया मैं आर्मी के लिए रनिंग करने गया रनिंग करने गया तो वहां पर मैंने देखा सभी आते हैं दौड़ते हैं जाते हैं मैं भी उन सबके साथ दौड़ना सुनना शुरू किया शुरुआती दिन में बहुत दिक्कत हो रहा था पर धीरे चल धीरे धीरे ठीक हुआ मैंने पहले फॉर्म फ्लिप की तो वहां मत लो कुछ भाई थे जिनको हाईट में निकाल दिया गया था वह मेरे हाइट थोड़ा सा ज्यादा कर सकते हो फिर भी मैंने सोचा कि जाया जाए तो कुछ लोगों ने कहा भाई तेरा नहीं है वह नहीं ले सकते ऐसे तुम जा कर के देखो मैं इसी वाली बात में रह गया और मैं नहीं गया और फिर दूसरे साल मैंने जम के तैयारी की और वह गया वहां जाने के बाद मुझे वही होगा हाईट में निकाल दिया गया मैं यह बताना चाहता हूं कि कौन क्या कहता है आप यह मन नहीं सुने और आप जिस चीज के लिए तैयारी कर रहे हैं उसे फर्स्ट नहीं अटेंड करें और ठीक से समझे और ज्यादा एक्साइटेड ना रहे हैं उसमें क्या होगा कि आपके साथ बीते हुए बात याद नहीं रहेगा और आप सोचो कि क्या हुआ मैं फिर से करता हूं पता नहीं चला तो इसीलिए टाइम को बचाइए और जितना हो सके अपने काम के प्रति सजग रहिए और अपना 💯 परसेंट किसी भी चीज में देने का कोशिश कीजिए धन्यवाद इतना ही आज की है

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